आमिर खुसरो
छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके
छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके
प्रेम भती का मधवा पिलैके
मतवाली कर लीनी रे मोसे नैना मिलाइके
गोरी गोरी बय्याँ, हरी हरी चुरियाँ
बय्याँ पाकर धर लीनी रे मोसे नैना मिलाइके
बल बल जाऊं में तोरे रंग रेजवा
अपनी सी कर लीनी रे मोसे नैना मिलाइके
खुसरौ निजाम के बल बल जाइये
मोहे सुहागन कीनी रे मोसे नैना मिलाइके
छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके
2 comments:
बहुत सुंदर गीत है...शुक्रिया पूरा नहीं जानती थी
निश्चय ही... कुछ दिन पहले इसे मैंने एक भजन संध्या में सुना था.
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