September 19, 2010

छाप तिलक सब छीनी रे...


आमिर खुसरो
छाप
तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके
छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके
प्रेम भती का मधवा पिलैके
मतवाली कर लीनी रे मोसे नैना मिलाइके
गोरी गोरी बय्याँ, हरी हरी चुरियाँ
बय्याँ पाकर धर लीनी रे मोसे नैना मिलाइके
बल बल जाऊं में तोरे रंग रेजवा
अपनी सी कर लीनी रे मोसे नैना मिलाइके
खुसरौ निजाम के बल बल जाइये
मोहे सुहागन कीनी रे मोसे नैना मिलाइके
छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके

2 comments:

वीना श्रीवास्तव said...

बहुत सुंदर गीत है...शुक्रिया पूरा नहीं जानती थी

Aks said...

निश्चय ही... कुछ दिन पहले इसे मैंने एक भजन संध्या में सुना था.