वीरेन्द्र
बहार आती.गुलों में रंग भरते ,तुम आते
और फिर इसका नाम प्यार होता
कुछ यूँ होता की तुम्हें प्यार होता
जज्बातों का क़त्ल होता,दिल टूटते,बेवफाई होती..
...और फिर इसका नाम प्यार होता
कुछ यूँ होता की तुम्हें प्यार होता
चाहत बदलती,रिश्ते बदलते,कोई गुनाहगार होता..
और फिर इसका नाम प्यार होता
कुछ यूँ होता की तुम्हें प्यार होता
क़यामत आती,तेरी एक शाम हमारे नाम होती.
और फिर इसका नाम प्यार होता..
कुछ यूँ होता की तुम्हें प्यार होता..
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