August 15, 2011
पुष्प की अभिलाषा

चाह नहीं मैं सुर बाला के
गहनों में गूंथा जाऊं,
चाह नहीं, प्रेमी माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊं,
चाह नहीं, सम्राटों के
शव पर हे हरि डाला जाऊं,
चाह नहीं, देवों के सिर पर
चढूँ भाग्य पर इठलाऊं,
मुझे तोड़ लेना वनमाली!
उस पथ पर देना तुम फ़ेंक,
मातृभूमि पर शीश चढाने
जिस पथ जाएँ वीर अनेक.
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makhanlal chaturvedi,
pushp ki abhilasha
May 11, 2011
मुंह की बात सुने हर कोई
मुंह की बात सुने हर कोई, दिल के दर्द को जाने कौन
आवाजों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन
सदियों सदियों वही तमाशा, रास्ता रास्ता लम्बी खोज (??)
लेकिन जब हम मिल जाते हैं, खो जाता है जाने कौन
वोह मेरा आइना है या मैं उस कि परछाई हूँ
मेरे ही घर में रहता है, मुझ जैसा ही जाने कौन
किरण किरण अलसाता सूरज, पलक पलक खुलती नींदें
धीमे धीमे पिघल रहा है, ज़र्रा-ज़र्रा जाने कौन
आवाजों के बाज़ारों में खामोशी पहचाने कौन
सदियों सदियों वही तमाशा, रास्ता रास्ता लम्बी खोज (??)
लेकिन जब हम मिल जाते हैं, खो जाता है जाने कौन
वोह मेरा आइना है या मैं उस कि परछाई हूँ
मेरे ही घर में रहता है, मुझ जैसा ही जाने कौन
किरण किरण अलसाता सूरज, पलक पलक खुलती नींदें
धीमे धीमे पिघल रहा है, ज़र्रा-ज़र्रा जाने कौन
February 06, 2011
फिर वही हम हैं..
कुछ यूँ होता कि...

बहार आती.गुलों में रंग भरते ,तुम आते
और फिर इसका नाम प्यार होता
कुछ यूँ होता की तुम्हें प्यार होता
जज्बातों का क़त्ल होता,दिल टूटते,बेवफाई होती..
...और फिर इसका नाम प्यार होता
कुछ यूँ होता की तुम्हें प्यार होता
चाहत बदलती,रिश्ते बदलते,कोई गुनाहगार होता..
और फिर इसका नाम प्यार होता
कुछ यूँ होता की तुम्हें प्यार होता
क़यामत आती,तेरी एक शाम हमारे नाम होती.
और फिर इसका नाम प्यार होता..
कुछ यूँ होता की तुम्हें प्यार होता..
अब तेरी बारी है..
अन्य कवितायेँ
यूँकि यहाँ पर शामिल कवितायेँ नामचीन कवियों की है, लेकिन अब कुछ अन्य कवितायेँ शामिल कर रहा हूँ जो मुझे बहुत पसंद आया है और आशा है आप लोग भी सराहे बगैर नहीं रह पाएंगे...
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