June 27, 2008

मधुशाला


हरिवंश राय बच्चन
मदिरालय जाने को घर से
चलता है पीने वाला,
'किस पथ से जाऊँ?' असमंजस
में है वो भोला भाला,
अलग अलग पथ बतलाते सब,
पर मैं यह बतलाता हूँ-
'राह पकड़ तू एक चलाचल
पा जायेगा मधुशाला।

June 23, 2008

सबसे खतरनाक होता है..

पाश(अवतार सिंह संधु)
मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती,
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती,
गद्दारी, लोभ का मिलना सबसे खतरनाक नहीं होती,
सोते हुये से पकडा जाना बुरा तो है,
सहमी सी चुप्पी में जकड जाना बुरा तो है,
पर सबसे खतरनाक नहीं होती,

सबसे खतरनाक होता है मुर्दा शान्ति से भर जाना,
न होना तडप का सब कुछ सहन कर जाना,
घर से निकलना काम पर और काम से लौट कर घर आना,
सबसे खतरनाक होता है, हमारे सपनों का मर जाना ।

सबसे खतरनाक होती है, कलाई पर चलती घडी, जो वर्षों से स्थिर है।
सबसे खतरनाक होती है वो आंखें जो सब कुछ देख कर भी पथराई सी है,
वो आंखें जो संसार को प्यार से निहारना भूल गयी है,
वो आंखें जो भौतिक संसार के कोहरे के धुंध में खो गयी हो,
जो भूल गयी हो दिखने वाले वस्तुओं के सामान्य अर्थ
और खो गयी हो व्यर्थ के खेल के वापसी में ।

सबसे खतरनाक होता है वो चांद, जो प्रत्येक हत्या के बाद उगता है सुने हुए आंगन में,
जो चुभता भी नहीं आंखों में, गर्म मिर्च के सामान

सबसे खतरनाक होता है वो गीत जो मातमी विलाप के साथ कानों में पडती है,
और दुहराती है बुरे आदमी की दस्तक, डरे हुए लोगों के दरवाजे पर ।

June 07, 2008

...क्योंकि

धर्मवीर भारती
इस लिये तलवार टूटी अश्व घयल
कोहरे डुबी दिशायें
कौन दुश्मन, कौन अपने लोग सब कुछ धुन्ध धुमिल
किन्तु कयम युद्ध का संकल्प है अपना अभी भी
... क्योंकि सपना है अभी भी ।