May 29, 2008

सबसे खतरनाक होता है..

पाश(अवतार सिंह संधु)

सबसे खतरनाक होता है मुर्दा शन्ति से भर जाना,
ना होना तड़प का, सब कुछ सहन कर जाना,
घर से निकलना काम पर और काम से लौट कर घर आना,
सबसे खतरनाक होता है, हमारे सपनों का मर जाना

5 comments:

Anonymous said...

Bahut firing aur dhasu kavita hai...

Anonymous said...

FAD DALA......

Anonymous said...

nicy.....

Anjali said...

Very meaning ful lines..jo mujhe pehle kabhi samajh nahi aati thi..i always laughed at you...tum jab bhi mujhe batate the..mai bore ho jaati thi...but now i can understand...itni si lines mein kitni badi baat chipi hai....

अवधेश | Aks | Logic | Kernel said...

कहीं मैने सुना है- सिम्प्लीसिटी में अद्भुत शक्ति होती है। अपने अभिव्यक्ति को प्रकट करने के लिये जरुरी नहीं कि आप भारी भरकम शब्दों का प्रयोग करें । आपकी भाषा जितनी सरल होगी, उतनी आसानी से दिलों तक पहुंचेगी। पाश की कविता में वो सरलता साफ दिखती है। वैसे भी ये कविता एक अन्स मात्र है । पुरी कविता शीघ्र ही उपलब्ध कराने की कोशिश करुंगा । आप सब अपनी टिप्पणी प्रेसित करते रहें । - अवधेश